Short horror story in hindi-रहस्यमय वृद्धा का खेल
in

Short horror story in hindi-रहस्यमय वृद्धा का खेल

Win iPhone 14 100% Free 🤩🤩

Win iPhone 14 Free Online

100% Safe & Secure No Spam👍️

 Short horror story in hindi-रहस्यमय वृद्धा का खेल 

यह घटना सन् 1960 की है। पूर्व सोवियत संघ के जार्जिया गणराज्य की राजधानी तिबलिसी से लगभग 30 कि.मी. दूर इफ्रोविच पार्क के समीप एक पुरानी खण्डहरनुमा इमारत में एक दिन अचानक एक बुढ़िया प्रकट हुई और वहीं रहने लगी। उस बुढ़िया को असहाय और अशक्त समझकर उस पर किसी ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। वह दिन भर पागलों की तरह मन ही मन कुछ बुदबुदाती उसी खण्डहर में रहती । कभी-कभार आसपास का चक्कर भी काट लिया करती । 



पूछने पर उसने अपना नाम रोजेवा बताया । 

रोजेवा जब से उस खण्डहर में आई थी, सारे पक्षी वहां से कहीं दूर चले गए थे । पालतू गायें और बकरियां, जो पहले वहां बेधड़क चरा करती थीं, उन्होंने वहां जाना बंद कर दिया । 

लोग अकेले उस ओर आने-जाने में भय महसूस करते थे । अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि वातावरण में अनोखा परिवर्तन हुआ। वहां रह-रहकर बिजली चमकती, तेज हवा चलती और वर्षा शुरू हो जाती । यद्यपि अभी वर्षा का मौसम नहीं था। इसी दशा में एक दिन कुछ लोग उसके खण्डहर की ओर चल पड़े। वहां उन्होंने जो कुछ देखा, उससे वे हैरान रह गए। वह बुढ़िया एक हाथ में खप्पर और दूसरे हाथ में त्रिशूल लिए अधर में लटकी हुई खण्डहर की परिक्रमा कर रही थी । उसका रूप पल-पल में बदल रहा था । कभी वह सुंदर युवती प्रतीत होने लगती और कभी उसी बुढ़िया का रूप धारण कर लेती । 

सभी स्तब्ध थे। मौसम वैसा ही बना रहा। लेकिन बुढ़िया की गतिविधियों में कोई परिवर्तन नहीं आया। लोग समझ गए थे कि यह परिवर्तन उस बुढ़िया की हरकतों के कारण ही है । और वह जब तक यहां रहेगी, तब तक उसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है । 

एक दिन लोगों ने मिलकर उसे भगाने की योजना बनाई। योजना के तहत डायनामाइट फिट कर दिया गया और उसके लम्बे तार दूर तक ले जाए गए। तार में विद्युत प्रवाहित की गई, लेकिन कोई धमाका नहीं हुआ। सभी हैरान थे। तभी एक जोरदार अट्टहास हुआ। सभी का ध्यान उस ओर गया। उन्हें वही बुढ़िया हवा में तैरती हुई दिखाई दी। लोगों को उस ठंडी रात में भी पसीना आने लगा । लेकिन कुछ ही पलों में बुढ़िया गायब हो गई और प्रकट हुआ एक तेज चक्रवात, जो लोगों को उठा- उठाकर पटकता रहा। किसी की टांग टूटी, किसी का सिर फूटा, किसी की बांह टूट गई। लगभग 20 25 मिनट तक यह सिलसिला चला। फिर धीरे-धीरे वर्षा रुक गई। आसमान साफ हो गया। बिजली का चमकना भी थम गया । 

 

दूसरे दिन सूरज निकलने पर कुछ लोग साहस करके उस ओर गए । उन्होंने पहले दूर से ही उस खण्डहर का निरीक्षण किया। लेकिन उन्हें वहां कोई भी गतिविधि दिखाई नहीं दी । 

कुछ युवकों ने साहस जुटाकर खण्डहर में प्रवेश किया। उन्हें वहां सिवाय चमगादड़ों के कुछ भी दिखाई नहीं दिया । और न ही कोई अवांछनीय घटना घटी। 

सभी खुश थे कि तीन महीनों तक भय का माहौल बनाने वाली घटना आज समाप्त हो गई । 

जार्जिया के पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार यह घटना केवल तिबलिसी में ही नहीं घटी, बल्कि उस देश के अनेक भागों में रिकॉर्ड की गई। हैरानी की बात तो यह है कि प्रत्येक जगह उसका घटना काल लगभग एक समान रहा। सभी स्थानों के रिकॉर्डों ने अपने विवरण में एक ही शक्ल-सूरत की बुढ़िया का वर्णन किया है। यह भी अनोखी समानता है कि जहां-जहां यह घटना घटी वहां हल्की बारिश अवश्य हुई। यह तब तक होती रही, जब तक कि वह बुढ़िया वहां से पलायन नहीं कर गई ? 

इस विषय में जानकार लोगों का कहना था कि वह बुढ़िया जीवितों की तरह दिखाई देती थी, लेकिन वास्तव में वह एक प्रेतात्मा थी । सालों पहले इसी हुलिए की एक महिला की मृत्यु तिबलिसी के पास एक गांव में हुई थी । वह एक तांत्रिक थी और हमेशा तरह-तरह के छल करके लोगों को हैरान-परेशान करती रहती थी । यद्यपि आज उसका शरीर नहीं रहा, फिर भी जीवन भर किए गए कुकर्मों की नकल अब भी उसकी आत्मा करती है और लोगों को परेशान करती रहती है । 

Download Video

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GIPHY App Key not set. Please check settings

Win iPhone 14 100% Free 🤩🤩

Win iPhone 14 Free Online

100% Safe & Secure No Spam👍️