Motivational story in hindi-सेवा का संकल्प
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Motivational story in hindi-पर सेवा का संकल्प 

एक बार श्रावस्ती में भयंकर अकाल पड़ा। अनेक लोग भूख से मर गए । सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति उन माताओं की थी जिनकी गोद में छोटे- छोटे बच्चे थे, उनके घर के पुरुष भूख से मर चुके थे। भगवान बुद्ध से यह देखा नहीं गया। उन्होंने लोगों की गोष्ठी बुलाई और कहा, “आप लोग इन असहाय माताओं और बच्चों की रक्षा करो। ” 



गोष्ठी में धनवान लोग भी थे। वे बोले, “हमारे पास अनाज है, किंतु वह हमारे परिवार के लिए केवल एक वर्ष के लिए है । हम इसमें से किसी को कैसे दे सकते हैं ? ” 


सब सिर झुकाकर बैठे थे। तभी बारह वर्ष की एक कन्या सुचेता ने कहा, “देव, मुझे आज्ञा दीजिए, यह काम मैं करूंगी ?” 


कन्या ने कहा, “मनुष्य कितना भी निष्ठुर हो, उसके हृदय में कहीं न कहीं करुणा छिपी रहती है । मैं उनकी करुणा जगाऊंगी। जिनके घर चूल्हा जलेगा, मैं उनके घर जाऊंगी और मरणासन्न बच्चों के लिए आधी रोटी मांगूंगी।” 


बुद्ध ने उसके सिर पर हाथ फेरा और कहा, “तुम जनभावना की दृष्टि से धनवानों से भी अधिक संपन्न हो । तुम्हें अपने काम में सफलता मिलेगी।” 


सुचेता का व्रत एक वर्ष तक चला। उसने इस अवधि में प्रतिदिन लगभग एक हजार अनाश्रित लोगों को भोजन कराया । 


Motivational story-सबसे बड़ा पुरुषार्थ 


बहुत पहले एक राजा था । वह बहुत नेकदिल और प्रजा – वत्सल था। उसकी प्रजा भी उससे बहुत प्यार करती थी । वह राजा भेष बदलकर प्रजा का हाल लिया करता था । 


एक दिन वह घूमते-घूमते सीमांत प्रदेश के जंगल में पहुंच गया। उसने देखा, एक बूढ़ा लकड़हारा पसीने से लथपथ लकड़ियां बटोर रहा था । 


तभी राजा को पास ही एक चट्टान से तेज रोशनी फूटती दिखी। उसने नजदीक जाकर देखा तो वह दंग रह गया । चट्टान की दीवारों में बेशुमार हीरे धंसे हुए थे । राजा को यह देखकर बड़ी हैरत हुई कि वहीं पास ही लकड़ियां बटोरते उस लकड़हारे की नजर हीरों पर क्यों नहीं पड़ी । 


राजा लकड़हारे के पास गया। उसने विनम्र हो उससे पूछा, “बाबा, पास ही इतने सारे हीरे पड़े हैं, इनमें से एक हीरा भी आप बेच दें तो जीवन भर घर बैठे ठाठ से खा-पी सकते हैं। ” 

लकड़हारे ने काम करते हुए ही जवाब दिया, “बेटे, मैं ये हीरे बरसों से देख रहा हूं। पर भगवान ने मुझे हाथ-पांव दिए हैं। मैं काम करता हूं इसीलिए स्वस्थ भी हूं । हीरों की जरूरत उन्हें होती है जिनका पुरुषार्थ चुक जाता है । ” 

विस्मित राजा ऐसा जवाब सुनकर बूढ़े लकड़हारे को देखता रह गया ।

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